संगीत साधना सिर्फ एक शौक या रूचि नहीं है.
संगीत साधना का अभ्यास हमारे जीवन में गहरे बदलाव लाता है और ना सिर्फ
हमारे गले को बल्कि अंदरूनी तौर पे हमारे चिन्तन को प्रभावित करता है.
इसलिए ये बहुत जरूरी है की संगीत की साधना सम्पूर्ण अनुशासन, समर्पण एवं
जिम्मेदारी के साथ की जाये. सही मायने में संगीत हमारे आत्मिक स्वरुप का
दर्पण है और संगीत में तभी कुशलता आ सकती है जब हम आत्मिक रूप से संगीत के
लिए अपने आप को तैयार करें. नहीं तो संगीत सिर्फ एक साधारण मनोरंजन का
साधन ही बन सकता है जो एक सीमा से ज्यादा आनंद नहीं दे सकता. इसी को ध्यान
रखते हुए, यहाँ पर संगीत साधना में समर्पण रखने वाले विद्यार्थियों के लिए
संगीत के महान गुरुओं द्वारा बताई गयी जरूरी बातें प्रकाशित की जा रही
हैं. ये बातें आप के लिए क्या मायने रखती है और और आप इन्हें किस हद तक
अपना पातें हैं या फिर अपनाना चाहते हैं, ये आपका निर्णय है. अगर आप ऐसी
और महत्वपूर्ण बातें जानते है और चाहतें है की इन्हें यहाँ प्रकाशित किया
जाये तो निश्चित ही hello.sursadhana@gmail.com पर मुझे मेल कर दें. चलिए तो फिर
शुरू करते हैं संगीत साधना की जरूरी बातें. |